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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चन्दा कोचर के खिलाफ अगले हफ्ते शुरू हो सकता है ट्रायल

मुंबई की एक विशेष अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है. इसकी शुरुआत अगले हफ्ते से होने की उम्मीद है. जानिए पूरा मामला

कोचर पर पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप

मनी लॉन्ड्रिंग कानून की विशेष अदालत ने कहा कि सरकारी वकील सुनील गोन्जाल्विस की दलीलें सुनने और मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जुटाए पर्याप्त साक्ष्यों, लिखित शिकायतों और बयानों से गुजरने के बाद यह प्रतीत होता हे कि चंदा कोचर ने वी. एन. धूत और वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को लोन दिलवाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया. साथ ही अपने पति और मामले में आरोपी दीपक कोचर के माध्यम से अनुचित लाभ उठाया. दीपक कोचर ने धन की हेरा-फेरी के लिए कई कंपनियों का गठन किया.

क्या कोचर दोषी?

प्रक्रिया के अनुसार अदालत चन्दा कोचर और अन्य से पूछेगी कि क्या वह अपना अपराध कबूल करते हैं. यदि आरोपी इससे इनकार करते हैं तो उनके खिलाफ मामले में पूर्ण ट्रायल चलाया जाएगा.

ईडी की जांच

ईडी के मुताबिक चन्दा कोचर जून 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ थीं. बैंक ने ऋण आवंटन समिति की नीति और नियमों से आगे जाकर वीडियोकॉन समूह की कई कंपनियों को छह अलग-अलग लोन मंजूर किए जो कुल करीब 300 करोड़ रुपये की राशि है.

ईडी का आरोप है कि 7 सितंबर 2009 को 300 करोड़ रुपये का ऋण कंपनी को मिला और उसके अगले ही दिन आरोपी धूत ने 64 करोड़ रुपये की राशि न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड को भेज दी. इस कंपनी का प्रबंधन आरोपी चन्दा कोचर के पति दीपक कोचर अपनी दूसरे कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से करते हैं. ईडी का आरोप है कि इस तरह चन्दा कोचर ने अपने पति के माध्यम से धूत से फायदे के बदले फायदा उठाया.
ईडी ने अपनी जांच के बाद कोचर दंपत्ति और धूत के खिलाफ मामले में नवंबर 2020 में आरोप पत्र दायर किया था.